Title

बारि मथें घृत होइ बरु सिकता ते बरु तेल।
बिनु हरि भजन न तव तरिअ यह सिद्धांत अपेल॥122 क॥

तात्पर्य:
"जल के मथने से भले ही घी उत्पन्न हो जाए तथा बालु के पेरने से चाहे तेल निकल आवे; परंतु श्री हरि के भजन बिना भवसागर से पार नहीं हुआ जा सकता, यह सिद्धांत अटल है।"